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Budget 2025 : 1 फरवरी को हो सकता हैं इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव, जानें क्या हो सकता है खास

Income Tax Slab (इनकम टैक्स स्लैब) : हर साल की तरह इस बार भी भारत का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है, और इस बार की चर्चा विशेष रूप से इनकम टैक्स स्लैब में संभावित बदलावों पर केंद्रित है। सरकार ने पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स स्लैब में कई बदलाव किए हैं, जिनका फायदा आम आदमी को हुआ है। इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव हो सकते हैं, जिससे करदाताओं को और राहत मिल सके। इस लेख में हम इन संभावित बदलावों को लेकर पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप बजट से जुड़ी हर अपडेट को समझ सकें।

Income Tax Slab में बदलाव की संभावना

2025 के बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं, जो खास तौर पर मध्यम वर्ग के लिए राहत लेकर आ सकते हैं। सरकार ने हमेशा टैक्स की दरों को सरल और किफायती बनाने की कोशिश की है, और इस बार भी कुछ ऐसे बदलावों की उम्मीद जताई जा रही है।

1. स्लैब में वृद्धि

आमतौर पर सरकार समय-समय पर इनकम टैक्स स्लैब में संशोधन करती है, ताकि आम आदमी को ज्यादा राहत मिल सके। 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बड़े बदलावों की संभावना जताई जा रही है:

  • कम आय वाले वर्ग के लिए राहत: ₹2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं। इस सीमा में वृद्धि हो सकती है।
  • मध्यम वर्ग के लिए टैक्स की छूट: ₹5 लाख तक की आय पर टैक्स में छूट मिलने का अनुमान।
  • उच्च आय वर्ग के लिए नई दरें: जिनकी आय ₹10 लाख से ऊपर है, उनके लिए टैक्स दर में कुछ बदलाव हो सकते हैं।

2. नई टैक्स दरों का प्रस्ताव

इनकम टैक्स में संभावित बदलावों में एक बड़ा परिवर्तन नई टैक्स दरों का हो सकता है। यह बदलाव सरकारी नीति और बजट की प्राथमिकताओं के अनुसार तय हो सकते हैं। अनुमान है कि निम्नलिखित टैक्स दरें लागू हो सकती हैं:

आय का स्तर (₹) वर्तमान टैक्स दर (%) संभावित बदलाव (2025)
₹2.5 लाख तक 0% 0%
₹2.5 लाख – ₹5 लाख 5% 5%
₹5 लाख – ₹10 लाख 20% 15%
₹10 लाख और ऊपर 30% 25%

और देखें : Income Tax : नौकरीपेशा वाले बचाना चाहते हैं टैक्स

3. टैक्स छूट और छूट की सीमा में वृद्धि

एक और महत्वपूर्ण बदलाव जो सरकार कर सकती है, वह है आयकर में मिलने वाली छूट की सीमा में वृद्धि। यह विशेष रूप से उन करदाताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है जो टैक्स बचाने के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों का उपयोग करते हैं।

  • धारा 80C के तहत छूट: वर्तमान में ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। इस सीमा को बढ़ाकर ₹2 लाख तक किया जा सकता है।
  • होम लोन पर छूट: होम लोन पर ब्याज की छूट को बढ़ाकर ₹2 लाख किया जा सकता है।

4. कॉर्पोरेट टैक्स में बदलाव

अगर कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में बदलाव किया जाता है, तो इसका असर व्यवसायों पर पड़ेगा। ऐसा अनुमान है कि सरकार छोटे और मंझोले व्यवसायों के लिए टैक्स दरों में कमी कर सकती है, जिससे वे ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।

5. डिजिटल भुगतान और टैक्स में सुधार

भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, और इस बार के बजट में डिजिटल पेमेंट से जुड़े टैक्स नियमों में भी बदलाव हो सकते हैं। टैक्स रिटर्न को डिजिटल रूप से फाइल करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सकता है।

6. कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए टैक्स छूट

कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए भी सरकार टैक्स छूट दे सकती है। यह खास तौर पर किसानों और ग्रामीण व्यवसायों को लाभ पहुंचा सकता है।

इनकम टैक्स स्लैब : क्या होंगे इन बदलावों के फायदे?

इनकम टैक्स स्लैब में किए गए संभावित बदलावों से निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  • मध्यम वर्ग को राहत: टैक्स स्लैब में वृद्धि से मध्यम वर्ग को अधिक राहत मिल सकती है, जिससे उनका खर्च घटेगा।
  • निवेश को बढ़ावा: निवेश पर मिलने वाली छूट को बढ़ाया जा सकता है, जिससे लोग ज्यादा निवेश करेंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
  • नए टैक्स पियर्स का निर्माण: नई स्लैब से अधिक लोग टैक्स नेट में आएंगे, जिससे सरकार की टैक्स रिवेन्यू बढ़ेगी।

इनकम टैक्स स्लैब पर संभावित प्रभाव

इन बदलावों के प्रभाव को समझने के लिए यह एक उदाहरण देख सकते हैं:

आय का स्तर (₹) वर्तमान टैक्स (₹) संभावित टैक्स (₹) बचत (₹)
₹6 लाख ₹25,000 ₹15,000 ₹10,000
₹12 लाख ₹1,00,000 ₹70,000 ₹30,000
₹15 लाख ₹1,50,000 ₹1,10,000 ₹40,000

यह तालिका दिखाती है कि अगर टैक्स दरों में बदलाव होता है, तो एक व्यक्ति ₹40,000 तक की बचत कर सकता है।

निष्कर्ष

बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव करदाताओं को बड़ी राहत दे सकते हैं। यदि टैक्स स्लैब में वृद्धि की जाती है, तो मध्यम वर्ग को विशेष रूप से फायदा होगा। सरकार द्वारा दी जाने वाली छूट और नई टैक्स दरों से लोगों को और अधिक सुविधा मिल सकती है। हालांकि, इस बार के बजट में किए जाने वाले बदलावों के बारे में और अधिक जानकारी हमें बजट पेश होने के बाद ही मिलेगी।

डिस्क्लेमर
यह लेख संभावित बदलावों के आधार पर तैयार किया गया है, और इसमें दी गई जानकारी बजट पेश होने के बाद बदल सकती है। इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है, न कि वित्तीय सलाह देना।

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