Home Loan (होम लोन) : आजकल हर किसी का सपना होता है अपना घर हो, लेकिन घर खरीदने के लिए पैसों की कमी सबसे बड़ी रुकावट बन जाती है। ऐसे में होम लोन (Home Loan) एक बड़ा सहारा बनता है। इसके अलावा, होम लोन लेने वालों को इनकम टैक्स (Income Tax) में कई प्रकार की छूट भी मिलती है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत का काम करती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि होम लोन लेने पर आपको कितनी इनकम टैक्स छूट मिलती है और इसके नियम क्या हैं।
Home Loan पर इनकम टैक्स छूट के प्रमुख नियम
भारत सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट के तहत होम लोन पर कई प्रकार की छूट देने का प्रावधान किया है। इन छूटों का लाभ दोनों, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लेने वाले व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य भी उठा सकते हैं।
1. धारा 80C के तहत होम लोन पर छूट
अगर आपने होम लोन लिया है तो आप इसकी मूलधन (Principal) और ब्याज (Interest) दोनों पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
- प्रारंभिक छूट: धारा 80C के तहत आपको ₹1.5 लाख तक की छूट मिल सकती है, जो लोन की मूलधन (Principal) पर दी जाती है।
- प्रश्न: मूलधन के तहत कौन सी रकम आती है?
- होम लोन के ईएमआई में जो राशि मूलधन के रूप में जाती है, वही धारा 80C के तहत छूट के लिए मान्य होती है।
यह छूट लोन की पूरी अवधि तक दी जाती है, जिससे लोन चुकाने में आसानी होती है।
2. धारा 24(b) के तहत होम लोन पर ब्याज की छूट
धारा 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर छूट दी जाती है। यदि आपने घर खरीदा है और होम लोन लिया है, तो आप हर साल ₹2 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट केवल उस ब्याज पर लागू होती है जो आपने होम लोन के लिए चुकाया हो।
- छूट सीमा: ₹2 लाख तक
- उदाहरण: यदि आपने ₹3 लाख ब्याज चुकाया है तो ₹2 लाख की छूट मिलेगी, और ₹1 लाख पर टैक्स लगेगा।
- शर्त: यह छूट केवल तभी मान्य है जब घर में आपकी व्यक्तिगत रूप से रहने की योजना हो, यानी यह छूट केवल “Self-Occupied Property” के लिए लागू होती है।
और देखें : Kisan Loan Alert
3. सेकेंड होम के लिए छूट
यदि आपने एक से ज्यादा घर खरीदा है और दूसरे घर के लिए लोन लिया है, तो उस पर भी ब्याज पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, इस छूट की सीमा ₹2 लाख तक ही होती है, और यह तभी मान्य है जब घर खाली नहीं हो और आप उसे किराए पर नहीं दे रहे हों।
4. पहली बार होम लोन लेने पर अतिरिक्त छूट
कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि आप पहली बार घर खरीद रहे हैं और आपके पास पहले कोई प्रॉपर्टी नहीं है, तो आपको एक अतिरिक्त छूट भी मिल सकती है। यह छूट ₹50,000 तक हो सकती है।
- छूट सीमा: ₹50,000 (First-time homebuyers के लिए)
5. रिनोवेशन या सुधार के लिए होम लोन पर छूट
यदि आपने अपने घर की मरम्मत या नवीनीकरण के लिए लोन लिया है, तो भी आपको ब्याज पर छूट मिल सकती है। यह छूट धारा 24(b) के तहत दी जाती है, और इसमें कोई सीमा नहीं होती। हालांकि, इस पर कुछ शर्तें लागू हो सकती हैं, जैसे कि संपत्ति का उपयोग रहने के लिए किया जा रहा हो।
होम लोन पर टैक्स छूट का लाभ कैसे प्राप्त करें?
होम लोन पर टैक्स छूट प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- लोन डिस्बर्समेंट प्रमाणपत्र: यह प्रमाणपत्र आपको बैंक या वित्तीय संस्था से मिलेगा, जिसमें लोन की राशि और ब्याज का विवरण होगा।
- ईएमआई भुगतान प्रमाणपत्र: यह प्रमाणपत्र यह दर्शाता है कि आपने कितनी राशि ईएमआई के रूप में चुकाई है।
- प्रॉपर्टी के पंजीकरण दस्तावेज: यह दस्तावेज यह साबित करता है कि आप इस संपत्ति के मालिक हैं और इसके मालिक होने पर आपको छूट मिल सकती है।
टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय इन दस्तावेजों का उपयोग करें:
जब आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर रहे हैं, तो इन दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक अपने रिटर्न में शामिल करें। इससे आपको सही तरीके से टैक्स छूट मिल सकेगी।
FAQs
1. होम लोन लेने पर कितनी छूट मिलती है?
- होम लोन पर आपको ₹1.5 लाख तक की छूट धारा 80C के तहत और ₹2 लाख तक की छूट ब्याज पर धारा 24(b) के तहत मिलती है।
2. क्या पहली बार घर खरीदने पर अतिरिक्त छूट मिलती है?
- हां, यदि आप पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो ₹50,000 तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं।
3. क्या सेकेंड होम के लिए टैक्स छूट मिलती है?
- हां, सेकेंड होम के लिए भी ₹2 लाख तक की ब्याज छूट प्राप्त हो सकती है, बशर्ते आप इसे किराए पर न दें।
4. होम लोन के ब्याज पर कितनी छूट मिलती है?
- होम लोन के ब्याज पर ₹2 लाख तक की छूट मिल सकती है, यदि घर “Self-Occupied Property” है।
निष्कर्ष
होम लोन पर टैक्स छूट भारत सरकार द्वारा दिए गए लाभकारी विकल्पों में से एक है। अगर आप होम लोन ले रहे हैं, तो इन छूटों का सही तरीके से उपयोग करके आप अपनी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी टैक्स सलाह के लिए कृपया अपने टैक्स कंसल्टेंट से परामर्श लें।