Chardham Yatra: 2025 :चारधाम यात्रा के लिए 2025 में एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब यात्रियों को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ट्रेन द्वारा यात्रा का अवसर मिलेगा, जिससे यात्रा में समय की बचत होगी और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी। इस रेल परियोजना के तहत 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण चल रहा है। जब यह पूरी हो जाएगी, तो यात्रा समय लगभग 5 घंटे से घटकर 2-2.5 घंटे हो जाएगा इस रेल मार्ग के पूरा होने के बाद, श्रद्धालु ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सीधे ट्रेन से पहुंच सकेंगे और वहां से टैक्सी द्वारा केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन के लिए प्रस्थान करेंगे यह प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है और इस परियोजना का उद्देश्य यात्रा को और भी सुगम बनाना है
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक चारधाम रेल यात्रा के प्रमुख बिंदु:
- रेल मार्ग की शुरुआत: चारधाम यात्रा की ट्रेन सेवा ऋषिकेश से शुरू होगी।
- रेलवे लाइन: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण किया गया है।
- 13 स्टेशन: इस रेल लाइन में कुल 13 स्टेशन होंगे।
स्टेशनों की सूची: प्रमुख स्टेशन
योगनगरी (ऋषिकेश)
- देवप्रयाग
- जनासू
- मलेथा
- श्रीनगर
- धारीदेवी
- तिलनी
- घोलतीर
- गौचर
- शिवपुरी
- ब्यासी
और सिंवई (कर्णप्रयाग)।
आरंभ: योगनगरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन सेवा शुरू हो गई है, जो इस मार्ग पर यात्री परिवहन को सुविधाजनक बनाएगी
105 किमी हिस्से में सिर्फ सुरंगें
इस परियोजना में 153 किमी का रेल रूट मुरादाबाद मंडल में आता है। इसमें से 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी। इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
जिसमें कुछ रेलवे स्टेशनों व सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना को विस्तार देकर बदरीनाथ और केदारनाथ तक बढ़ाया जाएगा। 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी।
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चारधाम यात्रा के प्रमुख बिंदु (चार से पांच दिन में पूरी यात्रा):
- यात्रा समय: चारधाम यात्रा अब चार से पांच दिनों में पूरी की जा सकेगी।
- नई रेलवे सेवा: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन के निर्माण से यात्रा का समय कम हो गया है।
- सुविधाजनक यात्रा: ट्रेन से यात्रा अब तेज़, आरामदायक और समय की बचत करने वाली होगी।
- सड़क मार्ग की तुलना में: पहले यात्रा सड़क मार्ग से बहुत लंबी और थकाने वाली होती थी, लेकिन अब यह ट्रेन द्वारा आसान हो जाएगी।
- आगे की यात्रा: कर्णप्रयाग पहुंचने के बाद यात्री आसानी से चारधाम के प्रमुख स्थलों (केदारनाथ, बदरीनाथ) के दर्शन कर सकते हैं
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